ओ मीता !
उन गप्पो-ओ-फांको का हिसाब लगाया कल,
फ़िर पछताया कल -
वो सारे साल हम बस बतियाते क्यों नही रहे ?
क्यों किए वो आडंबर कुछ दुनिया के हिसाब का,
काम का काम करने के ?
ओ मीता -
उन लंबे सन्नाटों का जोड़ बिठाया कल,
फ़िर पछताया कल -
सन्नाटों से चुप्पियाँ तोड़ते,
क्यों नही हमने कुछ और घंटे स्वाहा किए -
सीमेंट की ठंडी बेंचो पर बैठे हुए ?
मीता - 4
मीता -3
मीता - 2
उन गप्पो-ओ-फांको का हिसाब लगाया कल,
फ़िर पछताया कल -
वो सारे साल हम बस बतियाते क्यों नही रहे ?
क्यों किए वो आडंबर कुछ दुनिया के हिसाब का,
काम का काम करने के ?
ओ मीता -
उन लंबे सन्नाटों का जोड़ बिठाया कल,
फ़िर पछताया कल -
सन्नाटों से चुप्पियाँ तोड़ते,
क्यों नही हमने कुछ और घंटे स्वाहा किए -
सीमेंट की ठंडी बेंचो पर बैठे हुए ?
मीता - 4
मीता -3
मीता - 2
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